बोल के लब आजाद हैं तेरे
बोल के ज़बां अब तक तेरी है
Monday, December 03, 2007
पाकिस्तान के हालात
भले पाकिस्तान में लोग इलेक्शन और अपने नेताओं यानी बेनजीर भुट्टो और नवाज़ शरीफ के पीछे चल रहे हों लेकिन वाहन एक इलाका ऐसा है जिसकी सुध लेने वाला पाकिस्तान में कोई नहीं। यहाँ लोगों को एक 'खंजर ग्रुप' खामोशी के साथ मौत के घात उतार रहा है। यह इलाका है बल्तिस्तान का। इसके बारे में अगली बार पाकिस्तान से वापस आकर लिखूंगा। इस बार बस इतना ही।
हमेशा,
देर कर देता हूँ मैं,
हर काम करने में/
जरुरी बात कहनी हो,
कोई वादा निभाना हो,
उसे आवाज देनी हो,
उसे वापस बुलाना हो,
हमेशा,
देर कर देता हूँ मैं/
मदद करनी हो उसकी,
या के ढाढस बंधाना हो,
बहुत देरी न रस्तों पर, किसी से मिलने जाना हो,
हमेशा,
देर कर देता हूँ मैं/
बदलते मौसमों के शहर में,
दिल को लगाना हो,
किसी को याद रखना हो,
किसी को भूल जाना हो,
हमेशा,
देर कर देता हूँ मैं/
किसी को रूठने के पहले,
किसी गम से बचाना हो,
हकीक़त और थी कुछ,
उसको जा के बताना हो,
हमेशा,
देर कर देता हूँ मैं,
हर काम करने में.
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