Tuesday, February 12, 2008

नेता भी भड़ास निकालते हैं!

शायद कम ही लोगों को मालूम हो कि नेता भी भड़ास निकालते हैं खास तौर से तब जब वह खुद को शारीरिक तौर पर कमज़ोर पाते हैं।
कुछ दिनों पहले कि बात है उत्तर प्रदेश के एक नेता को मुम्बई से एक फिल्म ऐक्ट्रेस ने फ़ोन किया। नेताजी ने अपना दुखडा रोना शुरू किया कि उमर हो रही है और डॉक्टरों ने काफी एह्तित्यात बरतने कि हिदायत दी है। ऐक्ट्रेस कहती है कि इससे क्या फर्क पड़ता है, तो नेताजी जवाब देते हैं-
"But it matters between the legs......."

क्या आप इस नेता और इस फिल्म ऐक्ट्रेस को पहचान सकते हैं?

Monday, February 11, 2008

क्या भड़ास निकालना ज़रूरी है ?

सुधा जी ने लिखा है कि ब्लोग भड़ास निकालने का ज़रिया है। किसी के विचारों को अगर कोई भड़ास समझ ले तो कोई क्या कर सकता है। दुनिया में भड़ास नाम की कोई चीज़ नहीं होती, सब विचार ही होते हैं। सुधा जी जैसे अन्य पाठक भी अपनी अपनी 'भड़ास' जैसी चीज़ मेरे ब्लोग में निकाल सकते हैं।