इस नई कहानी की शुरुआत कुछ इस तरह है -
"रात भर मेह बरसा था। भोर में देखा तो सब तरफ़ जल-थल हो रहा था। धान की बेरन तैयार हो चुकी थी और उन्हें लगाने का समय हो चला था। तभी लाला बढ़ई ने आकर बताया की कनचोदा मर गया।
मैंने छाता लिया और कनचोदे के घर की तरफ़ चल पड़ा। झीसी पड़ रही थी। गलियां दलदली हो रही थीं। गाँव की औरतें पलरी में धान की बेरने लेकर खेतों की तरफ़ चली जा रही थीं...."
हालात ऐसे हैं कि बिना दिल का आदमी, बेमौत मारा जाएगा। पर जिनके पास दिल है,
उनको तो प्यार हो ही जाएगा। यह सच है, प्यार तो होना ही था। यकीन मानिए, प्यार
स...
5 years ago
1 comment:
इंतजार है इस नई कहानी को पढने का।
बुजरी के बाद तो अब शायद आपकी हर कहानी को पढने की ललक जाग उठी है :)
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