पाकिस्तान अजीब-ओ- ग़रीब मुल्क है. यानी वह ग़रीब तो है ही, अजीब भी है. सरकार में कोई तालमेल नहीं है. पिछले दिनों पेशावर में कई बम धमाके हुए, और पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मालिक ने आव देखा न ताव, भारत को धमाकों के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया. दिलचस्प बात यह है कि जब इंटर सर्विसेस पब्लिक रिलेशंस के प्रवक्ता मेजर जनरल अतहर अब्बास से इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'कोई भी इंटेलिजेंस एजेन्सी अपने foot prints नहीं छोड़ती है. अगर वह foot prints छोड़ देती है तो वह बहुत बेकार और अकुशल इंटेलिजेंस एजेन्सी मानी जायेगी. हमें इसके बारे में leads मिलती हैं जो पाकिस्तान में भी कोई कम ऐब नहीं हैं. भारत के अलावा वह इरान और यहाँ तक कि चीन में भी आतंकवादी गतिविधियों का संचालन कर रहा है. यह बात पाकिस्तान के एक रक्षा विशेषज्ञ मेजर (अवकाशप्राप्त) सईद अनवर की बात से ज़ाहिर हो जाता है. वह कहते हैं, 'इस तरह की बातें बहुत संवेदनशील होती हैं, और उन्हें इस तरह नहीं कहना चाहिए. क्या पाकिस्तान इरान और चीन में गड़बड़ नहीं कर रहा है? इरान के गृह मंत्री तो पाकिस्तान आये इसीलिए थे कि अब्दुल मालिक रेगी हमारे यहाँ छुपा है और इरान में आतंक फैला रहा है. क्या चीन के उइघुर मुसलमानों को पाकिस्तान में ट्रेनिंग नहीं दी जाती? चीन हमेशा खामोशी से इसका विरोध दर्ज करवाता रहता है, और हमने कुछ लोगों को पकड़ कर उनके हवाले किया भी है जिन्हें चीन में सजा भी मिली है.'
खुद पाकिस्तान के लोगों के विचारों में इतना विरोधाभास है. पाकिस्तान सरकार कहाँ है? यह वहां के लोगों तक को पता नहीं है. एक तरफ रक्षा मंत्री अहमद मुख्तार अपनी बाईपास सर्जरी करवाने के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं और जनरल अशफाक परवेज़ कयानी के ही हाथों में साउथ वजीरिस्तान में चलने वाले फौजी ऑपरेशन ऑपरेशन राह- ए- निजात की बागडोर है. पाकिस्तान में लगातार यह सवाल उठ रहा है कि न तो प्रधान मंत्री युसूफ रजा गिलानी न राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी और न गृह मंत्री रहमान मालिक साउथ वजीरिस्तान जाकर वहां का हाल चाल लेने की हिम्मत दिखा पा रहे हैं. सब इस्लामाबाद में बैठकर सिर्फ भारत पर इल्जाम लगाते रहते हैं.










